सच्ची शायरी - 4

फूलों सा बदन और पत्थर सा दिल रखती हैं,
होठों पर मुस्कान और निगाहों में खंज़र रखती हैं।।

बचकर रहना 'मोहित',बड़ी क़ातिल अदा है उसकी,
बुलाती है क़रीब और गले पर तलवार रखती हैं।।

~मोhit

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