रास्ते जो भी चमक-दार नज़र आतें हैं,
सब दिखावें के तारे नज़र आते हैं।
कोई पागल ही मुझे मोहब्बत से नवाज़ेगा,
आप तो ख़ैर मुझे समझदार नज़र आतें हैं।।
हाँ! ज़ख़्म भरने लगे हैं पिछली मुलाक़ातों के,
शायद फिर मुलाक़ात के आसार नज़र आतें हैं।
बस एक ही बार हुआ हूँ उन पर 'मोहित'
और फिर वो ही लगातार नज़र आतें हैं।
~मोhit
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